सर्वश्रेष्ठ कौन?

हज़रत मुहम्मद सल्ल0 की प्रमुख विशेषता
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रोज़ा एक इस्लामी इबादत
March 1, 2023

यह महत्वपूर्ण प्रश्न है, जिसका जवाब हर इन्सान अपने अपने ढंग और अपनी अपनी समझ के अनुसार देगा, कोई ज़रूरी नहीं कि सभी उत्तरों में समानता हो, बल्कि इसकी संभावना है कि उन उत्तरों में विभिन्नता हो, और सबके लिए जवाब लाभदायक न हो, हमारे जीवन में अनावश्यक काम और अनावश्यक बातें बहुत होती हैं, हमें चाहिए कि हर काम प्रारम्भ करने से पहले सोच लें कि यह काम लाभदायक है या हानिकारक, अल्लाह के अन्तिम नबी और अन्तिम सन्देष्टा हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम जो पूरी मानव जाति के लिए महान उपकारक और पथप्रदर्शक हैं, आप सल्ल0 के मुख से निकले हुए शब्द ज्ञान और बुद्धि से पूर्ण होते हैं, आपका उपदेश है ‘‘ख़ैरुन्नास मन यनफ़उन्नास’’ लोगांे में सबसे उत्तम वह है जो लोगों को नफ़ा पहुंचाए, आज हमारे समाज में स्वार्थप्रता का चलन बहुत है, हम अपने सामने दूसरे को नहीं देखते, कितने परेशां हाल और ज़रूरतमन्द, कितने बीमार और लाचार लोग हैं, जो अपने आत्मसम्मान की वजह से दूसरों के सामने हाथ नहीं फैलाते और अपनी परेशानी और मजबूरी को दूसरों के सामने ज़ाहिर नहीं करते, इस अवसर पर हमें वह हदीस क़ुदसी याद आ रही है जिसमें प्यारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया कि क़यामत के दिन अल्लाह तअ़ाला फ़रमाएगा, ऐ आदम के बेटे! मैं बीमार हुआ, तो तूने मेरा हाल नहीं पूछा, इन्सान कहेगा मेरे रब! मैं कैसे तेरा हाल पूछता जब कि तू तमाम जहानों का पलानहार है, अल्लाह तआला फ़रमाएगा क्या तुझे मालूम नहीं था कि मेरा फ़लां बन्दा बीमार हुआ लेकिन तूने उसकी ख़ैरियत नहीं ली, क्या तुझे मालूम नहीं था, अगर तू उस बीमार की ख़ैरियत मालूम करता तो अवश्य तू मुझे उसके पास पाता, ऐ आदम के बेटे! मैंने तुझ से खाना मांगा था लेकिन तूने मुझे खिलाया नहीं, वह कहेगा, ऐ मेरे रब! मैं तुझे किस तरह खाना खिलाता जब कि तू तमाम जहानों का पालनहार है, अल्लाह फ़रमाएगा क्या तुझे मालूम नहीं था कि मेरे फ़लां बन्दे ने तुझ से खाना मांगा था लेकिन तूने उसे खाना नहीं खिलाया, क्या तुझे मालूम नहीं था कि अगर तू उसे खाना खिलाता तो अवश्य मुझे उसके पास पाता, ऐ आदम के बेटे! मैने तुझ से पानी मांगा था तो तूने मुझे पानी नहीं पिलाया वह कहेगा, ऐ मेरे रब! मैं तुझे कैसे पानी पिलाता तू तो तमाम जहानों का रब है, अल्लाह तआला फ़रमाएगा तुझ से मेरे फ़लां बन्दे ने पानी मांगा था मगर तूने उसे पानी नहीं पिलाया, क्या तूने नहीं जाना, अगर तू उसे पानी पिला देता तो अवश्य मुझे उसके पास पाता। सारे प्राणी अल्लाह का कुम्बा है, अल्लाह को सबसे अधिक प्रिय वह है जो उसके कुम्बे के लिए ज़ियादा लाभदायक है इस हदीस का सारांश यह है कि बेसहारा और मजबूर इन्सानों की सेवा करना और उनके साथ सहानुभूति का बरताव करना अल्लाह को बहुत पसन्द है और उसका वह सर्वोत्तम बदला प्रदान करेगा, इस हदीस से ज़रूरत मन्दों के साथ सदव्यवहार करने की अति प्रभावी ढंग से शिक्षा दी गयी है।
इस्लाम की मौलिक शिक्षा यही है कि मनुष्य व्यक्तिगत रूप से और अन्य लोगों के लिए लाभादायक और लाभप्रद हो किसी के लिए हानिकारक न हो, यह उसी रूप में संभव है जब मनुष्य स्वार्थी न हो, वह हर छोटा बड़ा काम अल्लाह को राज़ी करने के लिए और प्रसन्न करने के लिए करे तभी वह स्वार्थी होने से बच सकता है, अल्लाह की प्रसन्नता, हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पूर्ण अनुसरण से संबंधित है। ‘‘की मुहम्मद से वफ़ा तूने तो हम तेरे हैं’’, र्क़ुआन मजीद में अल्लाह तआला फ़रमाता हैः- ‘‘आप सल्ल0 कह दीजिए, अगर तुम अल्लाह से प्रेम करते हो तो मेरी राह चलो, अल्लाह तुम से प्रेम करने लगेगा और अल्लाह तुम्हारे गुनाहों को माफ़ कर देगा और अल्लाह बहुत माफ़ करने वाला अत्यन्त दयालू है। (आले इमरान-30)
आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम समस्त सृष्टि के लिए करूणा और दया हैं, इसलिए आपके आदेशों और उपदेशों में व्यक्ति और समाज दोनो के लिए सरलता और सुरक्षा है। आपने फरमाया रास्ते से कष्टदायक चीज़ को हटाना भी सद्क़ा है, कम शब्दों में मानव समाज के लिए कितना बड़ा पैग़ाम है, अल्लाह के प्यारे नबी के इस आदेश पर यदि हर आदमी अमल करे तो रासता चलते फिरते कितनी सरलता पूर्वक नेकियाँ कमा सकता है, शर्त यह है कि इस काम से अल्लाह की प्रसन्नता और नबी करीम सल्ल0 के अनुसरण का उद्देश्य हो।
लाभदायक कामों की इच्छा स्वयं इन्सान के दिल में हो और दूसरों को भी इसकी प्रेरणा दे, अल्लाह के नबी सल्ल0 ने फ़रमाया- भलाई की ओर आदेशों में से यह भी आदेश है कि किसी छायादार पेड़ के नीचे मलमूत्र मत करो, छायादार पेड़ के नीचे मनुष्य और पशु बैठते और आराम करते हैं, करुणा और दया के दृष्टिकोण से यह आदेश कितना शिक्षाप्रद है, इसमें मानव और पशु के बीच अन्तर भी बताया जा रहा है, इसमें सभ्यता की भी शिक्षा है।
सम्पादकीय की प्रारम्भिक पंक्तियों में नबी करीम सल्ल0 के जिस महत्वपूर्ण आदेश का उल्लेख किया गया है हमें हर समय अपनी नज़रों के सामने उसे रखना चाहिए आदेश यह है ‘‘लोगों में सबसे उत्तम वह व्यक्ति है जो लोगों को फ़ायदा पहुंचाने वाला हो’’ जिस इन्सान के अन्दर लोगों को फ़ाइदा पहुंचाने की विशेषता पैदा हो जाए वह बहुत बहुमूल्य है और अल्लाह की नज़र में अतिप्रिय है।